भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा - 51
(दुष्प्रेरक का दायित्व, जब एक कार्य का दुष्प्रेरण किया गया है और उससे भिन्न किया गया है)
जब किसी एक कार्य का दुष्प्रेरक किया जाता है और कोई भिन्न कार्य किया जाता है तब दुष्प्रेरक उस किए गए कार्य के लिए उसी प्रकार से और उसी विस्तार तक दायित्व के अधीन है, मानो उसने सीधे उसी कार्य का दुष्प्रेरण किया हो :
परन्तु यह तब जब कि किया गया कार्य दुष्प्रेरण का अधिसम्भाव्य परिणाम था और उस उकसाहट के असर के अधीन या उस सहायता से या उस षड्यंत्र के अनुसरण में किया गया था जिससे वह दुष्प्रेरण गठित होता है।
उदाहरण-(क) एक बालक को राम के भोजन में विष डालने के लिए राजेश उकसाता है, और उस प्रयोजन से उसे विष परिदत्त करता है। वह बालक उस उकसाहट के परिणामस्वरूप भूल से राजू के भोजन में, जो राम के भोजन के पास रखा हुआ है, विष डाल देता है। यहां, यदि वह बालक राजेश के उकसाने के असर के अधीन उस कार्य को कर रहा था, और किया गया कार्य उन परिस्थितियों में उस दुष्प्रेरण का अधिसम्भाव्य परिणाम है, तो राजेश उसी प्रकार और उसी विस्तार तक दायित्व के अधीन है, मानो उसने उस बालक को राजू के भोजन में विष डालने के लिए उकसाया हो।
(ख) प्रदीप को सोनू का गृह जलाने के लिए दिनेश उकसाता है। प्रदीप उस गृह को आग लगा देता है और उसी समय वहां संपत्ति की चोरी करता है। दिनेश यद्यपि गृह को जलाने के दुष्प्रेरण का दोषी है, किन्तु चोरी के दुष्प्रेरण का दोषी नहीं है, क्योंकि वह चोरी एक अलग कार्य थी और उस गृह के जलाने का अधिसम्भाव्य परिणाम नहीं थी।
(ग) राम और श्याम को बसे हुए गृह में अर्धरात्रि में लूट के प्रयोजन से भेदन करने के लिए रहीम उकसाता है, और उनको उस प्रयोजन के लिए आयुध देता है। राम और श्याम वह गृह-भेदन करते हैं, और मोहन द्वारा जो निवासियों में से एक है, प्रतिरोध किए जाने पर, मोहन की हत्या कर देते हैं। यहां, यदि वह हत्या उस दुष्प्रेरण का अधिसम्भाव्य परिणाम थी, तो रहीम हत्या के लिए उपबन्धित दण्ड से दण्डनीय है।
अपराध का वर्गीकरण
सजा : वही जो दुष्प्रेरित अपराध के लिए है
संज्ञान: संज्ञेय है या असंज्ञेय उस न्यायालय द्वारा द्वारा विचारणीय है
जमानत: जमानतीय है या अजमानतीय उस न्यायालय द्वारा द्वारा विचारणीय है
विचारणीय: उस न्यायालय द्वारा विचारणीय है जिसके द्वारा दुष्प्रेरित अपराध विचारणीय है -
अशमनीय: समझौता करने योग्य नहीं